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Friday, October 9, 2009

कहो कि जीना है


कहो कि जीना है
कहो कि जीना है
माना तुम्हारा मरना
बहुत कम को खलेगा
पर इससे
घर का खर्च तो बढ़ेगा
क्या
नहीं नौ मन लकड़ी से
दो महीने चूल्हा जलेगा?
कफ+न से दो कमीज सिलेंगे
स्कूल की ड्रेस के
झीनी - सी
रजाई में
तुम्हारे साथ सोने से

बच्चों
को सर्दी तो नहीं सताएगी
तुम
मर गए तो भला पत्नी टिकुली कैसी लगाएगी?
पांच बच्चों
के अलावा
कभी कुछ दिया है
उसको

जो
यह सांकेतिक सुख भी छीना है
कहो
कि जीना है कबन्ध हुए हो तो क्या डर है?
यहां कौन
तुमसे कद्दावर है?
किसके कन्धों पर
अब सर है?
अब यहां
या तो भुतहा सन्नाटा है
या फिर
हर-हर महादेव अल्लाहो-अकबर है
रहो
इस दुनिया में बहुत काला गाढ़ा धुंआ फैला है
नीला अम्बर हुआ मटमैला है
मत भागो
गंगा जल में
घुला हलाहल
और किसी को नहीं,
तुम्हें ही पीना है

कहो
कि जीना है
माना
रोटी रोजी के लाले हैं
माना
लोगों ने आस्तीनों में सांप पाले हैं
पर कुछ वे भी तो हैं,
जो
अपने हाथों पर आसमान संभाले हैं
तुम भी
तो
कुछ कर दिखलाओ

सब को
मिलकर ही
धरती का
फटा दिल सीना है
कहो कि
जीना है।

हर सप्ताह मेरी एक नई गज़ल व एक फ़ुटकर शे‘र हेतु
http://gazalkbahane.blogspot.com/

11 comments:

  1. Shyam Ji Yatharth ki dharatal se oopji aapki ye kavita bejod hai...waah...

    Neeraj

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  2. गजब के तेवर लिए हुए है कविता. आपने तो व्यवस्था के खिलाफ जंग छेड़ दी. ऐसी कविताएँ ही क्रांति की प्रेरणा देती हैं, ऐसी कविताएँ ही जीने का हौसला जगाती है, ऐसी कविताएँ अन्याय, शोषण, अत्याचार के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का सम्बल प्रदान करती हैं. समाज को ऐसी ही कालजयी रचनाओं की जरूरत है. मैं आपको सलाम करता हूँ.

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  3. बहुत सुंदर कविता लिखी आप ने, आज के हालात से मेल खाती...
    धन्यवाद

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  4. डॉ. साहिब आप तो बढ़िया लिखते ही हैं।
    यह पोस्ट भी सुन्दर है।

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  5. वाह वाह वाह !!! क्या लिखा है आपने वाह !!!

    मन को गहरे छू गए भाव शब्द और अभिव्यक्ति....बहुत बहुत बहुत ही सुन्दर रचना.....

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  6. ओह! जबरदस्त!! बहुत सुन्दर.

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  7. बहुत तीखा स्वर और यथार्थ की रचना
    बहुत सुन्दर

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  8. बहुत बढिया लिखा है बधाई स्वीकारें।

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  9. बहुत सुन्दर सटीक अभिव्यक्ति है आज के सच पर बधाई

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  10. माना तुम्हारा मरना
    बहुत कम को खलेगा
    पर इससे घर का खर्च तो बढ़ेगा

    जीवन की दुश्वारियों को व्यक्त करती एक सटीक रचना ...बहुत-बहुत बधाई

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  11. बहुत ही खुबसूरत बात बहुत खूबसूरती से कही है आपने..बधाई स्वीकारें.

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