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दोस्तो,मैं इस ब्लाग पर अपनी प्रकाशित रचनाएं/ कविता कहानी तथा गीत आदि पोस्ट करता हूं ज़े सभी रचनाएं पुस्तक रूप में एवम अनेक पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं अत: इनका कापी राइट मेरे पास है.इन्हे कहीं उद्धृत करने के लिये आप अनुमति ले सकते हैं-श्याम सखा श्याम
bबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है आभार्
ReplyDeleteबहुत सुन्दर लिखा है.
ReplyDeleteमाथे पर खत लिखा ==
वाह क्या कल्पना है
bahut hi badhiya.................kam shabdo bahut gahari baat
ReplyDeleteबहुत खूब।
ReplyDeleteअद्भुत पंक्तियाँ...वाह.
ReplyDeleteनीरज
दूर हो गया
ReplyDeleteबहुत दिनों का गिला
शुरू हो गया फिर से
टूटती सांसों का सिलसिला।
बहुत सुंदर, जबाब नही जी
धन्यवाद
bahut sundr.
ReplyDeletesundar bhavbhini rachna
ReplyDeleteबाकी सब तो बहुत सुन्दर पर टूटती "सांसों का सिलसिला" का क्या चक्कर है। चित्र खूब चुना।
ReplyDeletekam shabdo mein bahut kuch keh diya aapne...:):)
ReplyDeleteदूर हो गया
ReplyDeleteबहुत दिनों का गिला
शुरू हो गया फिर से
टूटती साँसों का सिलसिला
क्या बात है...,
ज़बरदस्त..