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दोस्तो,मैं इस ब्लाग पर अपनी प्रकाशित रचनाएं/ कविता कहानी तथा गीत आदि पोस्ट करता हूं ज़े सभी रचनाएं पुस्तक रूप में एवम अनेक पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं अत: इनका कापी राइट मेरे पास है.इन्हे कहीं उद्धृत करने के लिये आप अनुमति ले सकते हैं-श्याम सखा श्याम
बहुत सलोनी रचना है
ReplyDelete---
चर्चा । Discuss INDIA
वाह अंतिम की पंक्तियो मे जान है ..........भाई साहब
ReplyDeleteबचपन
ReplyDeleteकिसी का भी हो
सलोना होता है ।
परन्तु एक उम्र में आकर हमें इसे खोना होता है, यह परम सत्य है बचपन की यादें ताउम्र साथ रहती हैं,बहुत ही सुन्दर अभिवयक्ति, आभार्
बहुत ही सुन्दर और सही अभिव्यक्ति है आभार्
ReplyDeleteबचपन का सलोनापन --
ReplyDeleteवही सलोनापन है इस कविता मे
बहुत सुन्दर
वाकई बार-बार होता है ...अच्छी रचना .
ReplyDeleteबहुत सही!!
ReplyDeleteऐसा ही बार बार होता है.
bahut sundar man ko chhuti hui rachana..
ReplyDelete... बहुत खूबसूरत रचना !!!!
ReplyDeleteवाह बहुत बढ़िया! आपकी इस सुंदर रचना को पड़कर मैं अपने बचपन के सुनहरे दिनों में चली गई थी!
ReplyDeleteजीवन को जीवंत करती रचना..
ReplyDeleteबहुत सुन्दरता से आपने ज़िन्दगी की सच्चाई से हमें दो-चार करवा दिया..
बहुत खूब..
Sundar rachnaa............ aksar man bachpan ki yaadon mein khoo jata hai........
ReplyDeleteइस रोने हंसने में अचानक वक़्त समाप्त !
ReplyDeleteवक्त के हाथ से छूटा मिट्टी का खिलौना.....गया सो गया...
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