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Friday, June 5, 2009

तूफानों से प्यार-


प्रश्न उठा
दुख: का
सागर
है अपार

कठिन है
जाना इसके पार


समाधान गुना
तो छोड़

कश्ती को मझधार

अपना लहरों को

कर तूफानों से प्यार

4 comments:

  1. बहुत सुंदर विचार हैं आपके। बधाई।

    -Zakir Ali ‘Rajnish’
    { Secretary-TSALIIM & SBAI }

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  2. सुन्दर विकल्प है और यही एक विकल्प भी है।

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