
डॉक्टर ने
सरगोशी के लहजे में कहा
सुनो !
एक दिल में
चार वाल्व होते हैं
और
तुम्हारे दो वाल्व खराब हैं
दो वाल्व
माने आधा -दिल
अब तुम्ही कहो
इस आधे दिल में
किसे रक्खूं
तुम्हें या अपने गमों को
तुम्हें तो
स्वस्थ शरीर व जवां दिल
मिल जाय़ेंगे
मेरे गम
बेचारे कहां जायेंगे
उनको रक्खेंगे तो बाकी का दिल भी ठीक हो जाएगा और ग़म को रक्खा तो बचे दो वॉल्व खराब होते भी देर नहीं लगेगी।
ReplyDeleteबहुत खूब श्याम जी क्या बात कही है...एक दम नया पन लिए हुए रचना है ये आपकी
ReplyDeleteनीरज
मेरे गम बेचारे कहा जायेंगे ..
ReplyDeleteबेहतरीन लाइनें .
वाह !! क्या बात कही....
ReplyDeleteआधे दिल में उसे बसा लें संग रहते दिन रात।
ReplyDeleteइस दुनियाँ में गम ही गम है छोड़ें गम की बात।।
सादर
श्यामल सुमन
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