रेखा
जिन्दगी
और मौत के
बीच
एक धूमिल सी रेखा है
जो
जाने कब
मिट जाएगी किसने देखा है।
!!!
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दोस्तो,मैं इस ब्लाग पर अपनी प्रकाशित रचनाएं/ कविता कहानी तथा गीत आदि पोस्ट करता हूं ज़े सभी रचनाएं पुस्तक रूप में एवम अनेक पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं अत: इनका कापी राइट मेरे पास है.इन्हे कहीं उद्धृत करने के लिये आप अनुमति ले सकते हैं-श्याम सखा श्याम
अच्छी रचना -दृष्टी.
ReplyDeleteसच कहा...
ReplyDeleteaadarniya shaym ji , kya khoobsurat baat kahi hai aapne . wah maza aa gaya , itne kam shabdo me zindagi ka phalsafa samjha diya ..
ReplyDeletebadhai sweekar karen .
sach kaha, zindagi ka koi bharosa nahi hai
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