आंधी या
तूफान आयें
या छा जाएँ
घनघोर घटायें
सूरज
अविरल जलता रहता है
दुःख सुख की
आंधी में
जीवन भी बस चलता रहता है
कल पिता थे
आज मैं
कल बेटा होगा
यही अमरता का है धोखा
छोड़ उलझने यारा
आ
जीवन जीलें चोखा चोखा
हर सप्ताह मेरी एक नई गज़ल व एक फ़ुटकर शे‘र हेतु http://gazalkbahane.blogspot.com/
Bahut achchhi kavita hai. shubhkamna
ReplyDeleteBahut achchhi kavita hai .chokha-chokha
ReplyDeleteकल 06/09/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
वाह ...बहुत ही अच्छी शब्द रचना ।
ReplyDeleteक्या खूब... सादा बयानी... सार्थक सन्देश...
ReplyDeleteसादर...
चोखी बात कही कविता में डॉक्टर साहेब । कविता भी चोखी।
ReplyDelete